अब बंदर भी बनायेंगे गुड़गांव को स्मार्ट सिटी
- शरद गोयल
- Jan 1, 2023
- 3 min read
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने चुनावी भाषणों में और उसके बाद बीजेपी ने अपने चुनावी मेनीफेस्टो में सौ स्मार्ट सिटी बनाने का वादा क्या कर डाला सभी राज्यों में अपने शहरों के आगे स्मार्ट सिटी का तमगा लगवाने की मानो होड़ सी लग गयी। अब जब सारे देश में यह होड़ लगी हुई थी तो इस होड़ में हरियाणा पीछे क्यों रहता ? हरियाणा तो कई कारणों से आगे रहने का दावेदार है। सबसे पहले तो हरियाणा देश की राजधानी से सटा हुआ है और दूसरा हरियाणा में भी उसी पार्टी का शासन है जो पार्टी केन्द्र में सत्तारूढ़ है। इसलिये हरियाणा के दावों में स्मार्ट सिटी की दौड़ में गुड़गांव भी आ गया है। हालांकि मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री जी ने तो भरसक प्रयास किये होंगे कि गुड़गांव भी आता क्योंकि पूरे हरियाणा में यदि कोई अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से उभरने वाला शहर है तो वह है गुड़गांव। लेकिन प्रथम श्रेणी की सूची में गुड़गांव नहीं आ पाया तो कोई बात नहीं। मुझे यकीन है कि दूसरी बार जब इस पर मंथन होगा तो गुड़गांव अवश्य आयेगा और वह दिन दूर नहीं जब भारत की सौ स्मार्ट सिटी की सूची में एक नाम धूमधाम से चमकेगा और वह होगा गुड़गांव।
अब जब गुड़गांव को स्मार्ट सिटी बनाने का हंगामा मच ही रहा था, समाज के सभी वर्ग खासतौर पर नेता लोग गुड़गांव को स्मार्ट सिटी न बनाये जाने के विरोध में बयान तैयार कर ही रहे थे तभी शहरवासियों के साथ-साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस मांग को और दमदार तरीके से पेश करने के लिये मानो पूरे हरियाणा के बंदरों ने भी एक योजना बनायी कि क्यों न हमें भी गुड़गांव चलकर गुड़गांव के स्मार्ट सिटी के मुहिम में साथ देना चाहिये और अन्य जीवों की भांति यह कार्य जो अब तक शहर में मात्र सूअर कर रहे थे और सूअरों का हर भरसक प्रयास था कि चाहे वो पुराना गुड़गांव हो, डी एल एफ का क्षेत्र हो , सैक्टर 56 का क्षेत्र हो या साइबर हब का क्षेत्र हो सब जगह सूअर इस शहर में उतनी ही मूसतैदी से शहर को स्मार्ट बनाने की लड़ाई लड़ रहे हैं जितनी की आवारा कुत्ते। और कुत्तों के साथ इस लड़ाई मंे कंधे से कंधा मिलाकर सूअर तो थे ही तभी हमारी पूजनीय, प्रातः स्मरणीय और सभी देवी-देवताओं से ऊपर गौ-माता भी हाथ बढ़ाने आ गईं और हजारों की तादाद में सूअर व कुत्तों का साथ देकर उन्होंने कहा कि जब तक इस शहर को स्मार्ट सिटी नहीं घोषित किया जाता तब तक हम अपना मां होने का धर्म निभाऐंगी और कोई भी सार्वजनिक स्थान हो वहां पर पड़े हुये कचरे को खाकर इस शहर को साफ-सुथरा रखेंगी। कुत्ते, सूअर व गौ-माता की इस सारी योजना की खबर न जाने कैसे बंदरों को लग गई और उन्होंने जिस प्रकार से रातों-रात लंका पर आक्रमण करके रावण का जीना मुश्किल कर दिया था उस प्रकार उन्होंने इन तीनों को कहा कि हम भी अपने धर्म से नहीं हटेंगे व जब तक गुड़गांव नामक इस शहर को स्मार्ट सिटी नहीं घोषित किया जाता तब तक खाली हम ही नहीं अपितु आस-पास के क्षेत्र के हमारे सभी रिश्तेदार गुड़गांव में ही रहकर कुत्ते, सूअर और गौ-माता द्वारा चलाये जो रहे इस आंदोलन में भाग लेंगे और शुक्र है भगवान का कि इन चारों प्राणियों की योजना की प्रशासन को कानों-कान खबर नहीं हुई अन्यथा इन बेचारों को सारे शहर में आंदोलन शायद प्रशासन नहीं करने देता और कहीं आपातकाल की तरह यह चारों क्रांतिकारी और इनकी समस्त सेना किसी जेल की कोठरी में पड़े होते। पर ऐसा नहीं हुआ और देखते ही देखते गुड़गांव राज्य का सर्वाधिक कुत्ते, सूअर ,आवारा गाय और बंदरों का शहर बन गया। मेरी भगवान से यही प्रार्थना है कि प्रशासन के किसी भी व्यक्ति को इन क्रांतिकारियों की योजनाओं का कभी भी आभास न हो और यह सभी क्रांतिकारी शहर में इसी प्रकार आतंक मचाते रहें। उसके लिये चाहे शहरवासियों को कितना भी कुत्तों से बचना पड़े चाहे उनके घर के आगे कितने भी सूअर गंदगी फैलायें, चाहे उनके मोहल्ले के बाहर गौ-माता कितना भी प्लासटिक व गंदगी खाती रहे और चाहे कितना भी उनके बच्चों को बंदर काटते रहें व बुजुर्गों को नुकसान पहुंचाते रहें।
Comments