बाॅलीवुड की एकता को नमन
- शरद गोयल
- Jan 1, 2023
- 3 min read
पिछले कई दिनों से सलमान खान प्रक्रम में एक बार फिर बहुत सुंदर बात सामने आई कि फिल्म उद्योग से जुड़े सभी लोग आपस में बुरे वक्त में जिस प्रकार कन्धे से कन्धा लगाकर खड़े हो जाते हैं, उसका उदाहरण देश में शायद ही किसी अन्य उद्योग में मिले। सलमान खान को सजा हुई, जेल जाने से पहले जमानत हो गयी। वह एक अलग बात है लेकिन इस सारे प्रकरण में जिस प्रकार फिल्म उद्योग के लोग छोटे-बड़े, ऊंचे-नीचे व जाति बिरादरी से ऊपर उठकर सलमान खान के साथ दिखायी दिये, वह एक अदभुत बात है। दरअसल यह कोई पहला मौका नहीं है, जब फिल्म उद्योग से जुड़े किसी हस्ती पर बुरा समय आया हो और उद्योग उसके साथ खड़ा न हुआ हो। दरअसल एक बात ओर निकलकर सामने आती है कि फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों की आपस की यह एकता ही है जो एक दूसरे को बचा रही है वरना समाज के पथ प्रदर्शक कहलाने वाले इस उद्योग से जुड़े लोग , वो लोग जो समाज को इतना प्रभावित करते हैं कि आम जन साधारण इनके रहने, खाने , बोलने यहां तक कि सिर पर बाल रखने तक की चीजों से इतना प्रेरित होता है कि वह अपना पूरा जीवन इनकी नकल करने में ही निकाल देता है। यह इनकी एकता ही है जो इनमें से किसी पर मर्डर का मुकद्मा हो, तब भी इनकी एकता बनी रहती है। कोई बलात्कार के आरोप से आरोपित होता है तब भी इनकी एकता बनी रहती है। कोई ड्रग लेने के आरोप में पकड़ा जाता है, किसी के पास उसके घर से अवैध हथियार मिलते हैं, किसी की पत्नी उस पर मारपीट का आरोप लगाती है, कोई कस्टम चोरी में पकड़ा जाता है। कोई किसी को मरवाने की सुपारी में पकड़ा जाता है या कोई किसी महिला या पुरूष से अवैध संबंधों के आरोप से आरोपित होता है, यह इनकी एकता ही है, जो ऐसे वक्त पर देश को देखने को मिलती है। ऐसा नहीं है कि यह प्रचलन सिर्फ बाॅलीवुड तक ही है, दक्षिण के फिल्म उद्योग में भी कमोवेश इसी तरह का आलम है। यह इनकी एकता का ही प्रतीक है कि संजय दत्त को जेल में जाते ही सारा फिल्म उद्योग इस तरह से सी औफ कर रहा था कि जैसे देश के लिये कोई जवान सीमा पर युद्ध लड़ने जा रहा हो। अभी 20 दिन पहले नेपाल में आयी त्रासदी के समय इस बाॅलीवुड जगत की एकता का कहीं पता नहीं था। शायद सलमान को सजा होना विश्व की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है। जहां तक सवाल मीडिया का है, उनके ऊपर कोई दोष मढ़ना उचित नहीं है क्योंकि वे तो वही दिखाते हैं जो आम आदमी देखना चाहता है। बहुत छोटी-छोटी धाराओं में हजारों लोगों को सालों लग जाते हैं, जमानत पाने में लेकिन भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में शायद यह बहुत ही गिने चुने किस्सों में से एक होगा कि निचली अदालत के सजा सुनाने के बाद मुजरिम जेल की शक्ल भी न देखे, पर सलमान आप वाकई तारीफ के काबिल हो जो आपके साथ ऐसा हुआ और पूरा फिल्म उद्योग आपके साथ खड़ा रहा। आखिर खड़ा क्यों न हो, कल को कोई इस उद्योग से जुड़ा व्यक्ति ड्रग एक्ट, दहेज का मुकद्दमा, महिला उत्पीड़न, बलात्कार आदि ऐसे किसी संगीन आरोप में पकड़ा जाये तो उस समय वह भी तो आपसे उम्मीद करेगा कि आप भी उसके साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़े रहें। शायद यही है, फिल्म उद्योग से जुड़े हुये लोगों का आपसी अनुबंध।
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